अयोध्या विवाद / मुस्लिम पक्षकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- फेसबुक पर धमकी दी गई, सीजेआई बोले- ऐसे कृत्य नहीं होने चाहिए
नई दिल्ली. अयोध्या भूमि विवाद मामले मुस्लिम पक्षकारों के वकील को धमकी मिलने की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता ज़ाहिर की है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने साफ कहा कि इस तरह की घटना निंदनीय है। इससे पहले गुरुवार को मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को धमकी मिलने की जानकारी दी थी। सुनवाई शुरु होते ही वरिष्ठ वकील धवन ने कहा था कि इस मामले में वकील बनने के कारण उन्हें फेसबुक पर धमकी मिल रही है और उनके क्लर्क के साथ भी अदालत परिसर में मारपीट की गई थी। इस पर पांच सदस्यीय बेंच की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, “इस घटना की निंदा की जानी चाहिए और ऐसे कृत्य नहीं होने चाहिए।”
अयोध्या मामले की 22वें दिन हो रही सुनवाई के दौरान धवन ने कहा था, “लोग मुझे सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की तरफ से न लड़ने के लिए कह रहे हैं। मुझे सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है और न मैं किसी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करना चाहता हूं, लेकिन सुनवाई के लिए यह सही माहौल नहीं है और इससे काम में बाधा पहुंचती है।” अयोध्या विवाद की सुनवाई कर रही बेंच में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अतिरिक्त एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नजीर शामिल हैं।
प्रोफेसर शनमुगम पर धमकाने का आरोप लगा चुका है
विवाद में मुस्लिम पक्षकारों की पैरवी कर रहे राजीव धवन ने अदालत में राम मंदिर पर उत्तर प्रदेश के मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के बयान के बारे में भी अदालत को बताया। वर्मा ने दावा किया था कि देश में राम मंदिर बनेगा, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और न्यायपालिका से लेकर प्रशासन तक बीजेपी का है। इससे पहले धवन चेन्नई के 88 वर्षीय प्रोफेसर एन शनमुगम के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल कर चुके हैं। धवन ने अपनी याचिका में अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्ष की तरफ से वकालत करने पर प्रोफेसर शनमुगम पर धमकाने का आरोप लगा चुके हैं।
लाइव स्ट्रीमिंग की मांग पर सुनवाई 16 सितंबर को
इससे पहले, 21वें दिन की सुनवाई में पूर्व भाजपा नेता के एन गोविंदाचार्य की ओर से पेश वकील विकास सिंह ने कहा कि अयोध्या मामले की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग पर तुरंत सुनवाई पर तुरंत निर्णय लें। इस पर कोर्ट ने 16 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की। सुनवाई करते हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अपनी दलील रखी। उन्होंने विवादित ढ़ांचें के भीतर का जिक्र करते हुए मजिस्ट्रेट की कार्रवाई पर सवाल उठाए।